डॉक्टरी सलाह

डॉक्टर-(विशेषज्ञ—किडनी प्रत्यारोपण) – डॉ रवि बंसल

Dr Ravi Bansal

डॉ रवि बंसल एमडी, डी.एम. नेफ्रोलॉजी (एम्स), एफ.ए.एस.एन.
वरिष्ठ सलाहकार, नेफ्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट फिजिशियन
पुष्पावती सिंघानिया शोध संस्थान
नई दिल्ली
गुर्दे की विफलता क्या है? इसके कारण क्या हैं? क्या यह वंशानुगत है? क्या यह बच्चों में भी हो सकता है?

 
शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को हटाने और पानी और नमक-संतुलन को प्राप्त करने के लिए गुर्दे की अक्षमता को गुर्दे की विफलता कहा जाता है। अधिकांश सामान्य कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक और अन्य दवाओं का उपयोग, और गुर्दे में संक्रमण और पथरी के उपचार में देरी है। यह वंशानुगत हो भी सकता है और नहीं भी। यह बच्चों में भी हो सकता है।




इसकी पहचान कैसे की जाती है? डायग्नोस्टिक टेस्ट में लगभग कितना खर्च आता है ?

पैरों की सूजन, उच्च रक्तचाप और भूख में कमी की उपस्थिति से किडनी की विफलता की पहचान की जा सकती है। रोगी को एनीमिया (कम हीमोग्लोबिन) और सांस की तकलीफ भी हो सकती है। सीरम क्रिएटिनिन और मूत्र जैसे सरल प्रयोगशाला परीक्षण गुर्दे की विफलता का पता लगा सकते हैं। इन परीक्षणों की लागत 100/- से लेकर रु 200/- तक होती है।

जब एक या दोनों गुर्दे बंद हो जाते हैं तो उपचार का क्या तरीका है?

आमतौर पर दोनों गुर्दे एक ही बीमारी से प्रभावित होते हैं। बहुत कम मामलों में केवल एक ही किडनी प्रभावित होती है जैसे किडनी स्टोन की बीमारी और संवहनी रोग। उपचार के दो भाग हैं। डायलिसिस और दवाओं द्वारा अपने काम को प्रतिस्थापित करके गुर्दे की विफलता के बावजूद रोगी को जीवित रहने में मदद करना है; दूसरा, गुर्दे की विफलता के कारण का पता लगाना और इसका इलाज करना है। कुछ गुर्दे की विफलताएं ठीक हो जाती हैं और गुर्दे फिर से काम करना शुरू कर देते हैं।

डायलिसिस क्या है और इसे कब कराना चाहिए? डायलिसिस को कितनी बार करने की आवश्यकता होती है और क्या यह घर पर किया जा सकता है? इसकी लागत क्या आती है? डायलिसिस पर कोई कितने समय तक रह सकता है?

डायलिसिस एक कृत्रिम फिल्टर द्वारा रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को निकलता है। डायलिसिस शुरू करने का निर्णय रोगी के लक्षणों और प्रयोगशाला रिपोर्टों के आधार पर उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा लिया जाना चाहिए। डायलिसिस की आवृत्ति रोगी की स्थिति पर निर्भर करती है और आम तौर पर, यह प्रति सप्ताह तीन सत्र होती है। प्रति डायलिसिस की लागत विभिन्न प्रकार के डायलिसिस के आधार पर रु 2500/- से लेकर 4500/- प्रति सत्र तक होती है। इसे घर पर भी किया जा सकता है। डायलिसिस पर कोई कितने समय तक रह सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है।

किडनी प्रत्यारोपण कब कराना चाहिए?

यदि किडनी ठीक नहीं हो पाती है और रोगी को विस्तृत जांच और परीक्षण द्वारा सर्जरी के लिए उपयुक्त पाया जाता है, तो मरीज को किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी जा सकती है।

भारत में किडनी प्रत्यारोपण कहाँ किया जा सकता है और पूरी प्रक्रिया की अनुमानित लागत क्या है? एक प्रत्यारोपित किडनी कितने समय तक चलती है?

भारत में किडनी प्रत्यारोपण सरकार द्वारा प्रमाणित किसी भी प्रत्यारोपण केंद्र में कराया जा सकता है। प्रक्रिया की लागत 5 लाख से 6 लाख रुपये तक होती है। कुछ विशेष प्रकार के प्रत्यारोपण जहां रक्त समूह मैच नहीं होता है या अस्वीकृति का खतरा बढ़ जाता है, लागत 10 – 12 लाख रुपये तक जा सकती है। नई किडनी के जीवन की कोई सीमा नहीं है।

उपयुक्त किडनी डोनर कौन है? यदि परिवार में कोई संगत दाता नहीं है तो विकल्प क्या हैं? क्या कोई असंबंधित व्यक्ति रोगी को किडनी दान कर सकता है?

एक फर्स्ट डिग्री (निकटतम) परिवार में से रक्त समूह मैच होने वाला दाता सबसे अच्छा है। अगर ऐसा कोई डोनर नहीं है तो हम बिना ब्लड ग्रुप मैच ट्रांसप्लांट (ABO-Incompatible Transplant) के लिए जा सकते हैं। रोगी कैडेवरिक किडनी प्रत्यारोपण के लिए भी पंजीकरण कर सकते हैं। एक असंबंधित व्यक्ति किडनी दान नहीं कर सकता है।

क्या भारत में कोई किडनी डोनर रजिस्ट्रियां हैं? क्या आप उनमें से कुछ का सुझाव दे सकते हैं?

मृत दाता गुर्दा प्रत्यारोपण किया जा सकता है। उपचार अस्पताल के माध्यम से मरीज NOTTO (National Organ and Tissue Transplant Organization -राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन) में पंजीकरण करा सकते हैं। यह एक प्राप्तकर्ता रजिस्ट्री है। कोई डोनर रजिस्ट्री नहीं है।

क्या आप अपने शहर/भारत में कुछ सहायता समूहों (ऑनलाइन या ऑफलाइन), गैर सरकारी संगठनों या सरकारी एजेंसियों के सुझाव दे सकते हैं जो किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले व्यक्तियों को सहायता प्रदान करते हैं?

सरकारी एजेंसियों को आवेदन करके मुख्यमंत्री कोष या प्रधान मंत्री कोष से वित्तीय सहायता ली जा सकती है।

क्या प्रत्यारोपण के बाद कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की तरह सामान्य जीवन जी सकता है, जैसे, स्कूल/कॉलेज में अध्ययन करना, पूर्णकालिक नौकरी करना, इत्यादि?

हाँ

क्या आप किडनी प्रत्यारोपण कराने वाले रोगियों को किसी भी आहार/जीवन शैली में बदलाव की सलाह देते हैं?

कम नमक लें और डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं। समय-समय पर लैब रिपोर्ट के आधार पर आहार भिन्न हो सकता है।

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